15 वाॅ केंद्रीय पांच दिवसीय कोया पुनेम और संवैधानिक प्रशिक्षण शिविर इस बार उरन्दाबेड़ा मे...
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📷Pc Koya photography team |
सम्मानीय सगाजनो !
सेवा जोहार! जय बुढालपेन!
आप सभी #पेन पुरखा पाट प्रकृति ऊर्जा शक्तियों को मानने वाले समस्त कोया पुनेमी सगाजनो को बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि युवाओं में सहस्राब्दियो से सतत् वैज्ञानिक अनुसंधानों से जांची परखी हमारे रूढ़िगत विश्वासों परम्पराओं को और मजबूत करने , वर्तमान में तेजी से हो रहे प्रकृति पर्यावरण को नष्ट होने से बचाने #कोयतोरिन टेक्नोलॉजी का अनुप्रयोग करने , समुदाय में व्याप्त आण्डम्बरो को जड़ से समाप्त करने हेतु #टोण्डा - मण्डा - कुण्डा संस्कार का परिपालन करने , प्रकृति सम्मत #गोण्डीयन पंडुम को समझने , पेन ऊर्जाओं पर आधारित #नार-जागा-गढ़-मण्डा की प्रकृतिसम्मत डिजाइन की मानवीय व्यवस्थाओं को अध्ययन करने , #गोटूल एजुकेशन सिस्टम के साथ ही आधुनिक शिक्षा के उच्चतम बिन्दुओं को समझने, #हाटुम इकोनॉमी व #हडप्पीयन सभ्यताओं से विकसित गोण्डीयन आत्मनिर्भर इकोनॉमी सिध्दांत को समझकर वर्तमान घोर बेरोजगारी की समस्या से निपटने , #यूपीएससी/आईएएस/पीएससी/पीएमटी/एसएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने, माननीय भारतीय संविधान में निहित आदिवासियों के लिए स्वशासन की भावना व पांचवी अनुसूची जैसे तत्वों को समझने , "#गण्ड - गोण्ड - गोण्डवाना - गोटुल - गुडी - गायता-गोण्डी" के व्यवस्थित सामाजिक-प्रशासनिक-शैक्षणिक-आर्थिक-आध्यात्मिक अदभुत संरचनाओं को समझकर युवाओं में उनके जीर्र/डीएनए को जगाते हुए अपने आत्मविस्वास को प्रबल करने..... आदि अनेकों बिन्दुओं पर केंद्रित विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 15 वाॅ#पांच दिवसीय केन्द्रीय कोया पुनेम व संवैधानिक जागरूकता कार्यशाला रखी गई है । प्रशिक्षण के दौरान गोटुल ऐजुकेशन सिस्टम की तरह अनुशासित ढंग से हमारे देश भर से आऐ विषय विशेषज्ञों- मांझी (माजी) -मुखियाओं-पेनो -पुजारियों-रिसर्चरों-भूमकाओ(बूमका)- आदि के द्वारा "प्रशिक्षक ही प्रशिक्षु और प्रशिक्षु ही प्रशिक्षक " की भावना लिए हुए.... आप सभी की सहभागिता के साथ आयोजित किया जाएगा।
वर्तमान में हमारे समुदाय के साथ ही पृथ्वी पर प्रकृति और मानव का जीवन संकटग्रस्त स्थिति में पहुंच गया है इसलिए प्रकृति #पुनेम के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले सगाजन जरूर भाग ले !ताकि हम सब मिलकर.....
#शोषणमुक्त - कर्जमुक्त - आडम्बरमुक्त - भयमुक्त ,रोजगारयुक्त - आत्मनिर्भर - स्वावलंबी - आत्मविश्वास से लबरेज पुनेमी समुदाय का निर्माण कर सके!
सेवा जोहार! जय बुढालपेन!
आप सभी #पेन पुरखा पाट प्रकृति ऊर्जा शक्तियों को मानने वाले समस्त कोया पुनेमी सगाजनो को बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि युवाओं में सहस्राब्दियो से सतत् वैज्ञानिक अनुसंधानों से जांची परखी हमारे रूढ़िगत विश्वासों परम्पराओं को और मजबूत करने , वर्तमान में तेजी से हो रहे प्रकृति पर्यावरण को नष्ट होने से बचाने #कोयतोरिन टेक्नोलॉजी का अनुप्रयोग करने , समुदाय में व्याप्त आण्डम्बरो को जड़ से समाप्त करने हेतु #टोण्डा - मण्डा - कुण्डा संस्कार का परिपालन करने , प्रकृति सम्मत #गोण्डीयन पंडुम को समझने , पेन ऊर्जाओं पर आधारित #नार-जागा-गढ़-मण्डा की प्रकृतिसम्मत डिजाइन की मानवीय व्यवस्थाओं को अध्ययन करने , #गोटूल एजुकेशन सिस्टम के साथ ही आधुनिक शिक्षा के उच्चतम बिन्दुओं को समझने, #हाटुम इकोनॉमी व #हडप्पीयन सभ्यताओं से विकसित गोण्डीयन आत्मनिर्भर इकोनॉमी सिध्दांत को समझकर वर्तमान घोर बेरोजगारी की समस्या से निपटने , #यूपीएससी/आईएएस/पीएससी/पीएमटी/एसएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने, माननीय भारतीय संविधान में निहित आदिवासियों के लिए स्वशासन की भावना व पांचवी अनुसूची जैसे तत्वों को समझने , "#गण्ड - गोण्ड - गोण्डवाना - गोटुल - गुडी - गायता-गोण्डी" के व्यवस्थित सामाजिक-प्रशासनिक-शैक्षणिक-आर्थिक-आध्यात्मिक अदभुत संरचनाओं को समझकर युवाओं में उनके जीर्र/डीएनए को जगाते हुए अपने आत्मविस्वास को प्रबल करने..... आदि अनेकों बिन्दुओं पर केंद्रित विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 15 वाॅ#पांच दिवसीय केन्द्रीय कोया पुनेम व संवैधानिक जागरूकता कार्यशाला रखी गई है । प्रशिक्षण के दौरान गोटुल ऐजुकेशन सिस्टम की तरह अनुशासित ढंग से हमारे देश भर से आऐ विषय विशेषज्ञों- मांझी (माजी) -मुखियाओं-पेनो -पुजारियों-रिसर्चरों-भूमकाओ(बूमका)- आदि के द्वारा "प्रशिक्षक ही प्रशिक्षु और प्रशिक्षु ही प्रशिक्षक " की भावना लिए हुए.... आप सभी की सहभागिता के साथ आयोजित किया जाएगा।
वर्तमान में हमारे समुदाय के साथ ही पृथ्वी पर प्रकृति और मानव का जीवन संकटग्रस्त स्थिति में पहुंच गया है इसलिए प्रकृति #पुनेम के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले सगाजन जरूर भाग ले !ताकि हम सब मिलकर.....
#शोषणमुक्त - कर्जमुक्त - आडम्बरमुक्त - भयमुक्त ,रोजगारयुक्त - आत्मनिर्भर - स्वावलंबी - आत्मविश्वास से लबरेज पुनेमी समुदाय का निर्माण कर सके!
विशिष्ट टीप :-
(1) साल वनों से आछन्दित क्षेत्र होने के कारण प्रशिक्षण स्थल पर बहुत अधिक ठण्ड रहती है इसलिए अपने साथ ओढने बिछाने व गर्म कपड़े जरूर साथ लेकर आऐ ।
(2) प्रशिक्षु लया लयोरो को अपने पास(प्रवेश कार्ड) के साथ दिनांक 22 दिसंबर को दोपहर 2 बजे तक पहुचना अनिवार्य है ।
(3)लयोरो को सदियों से चली आ रही पारम्परिक सफेद पगड़ी व लयाओ को सफेद स्कार्फ पहनकर आना अनिवार्य है।
(4) यथासंभव सभी अपने पांरम्परिक वेशभूषा,गोटुल श्रृगांर वाद्ययंत्रो के साथ आवें।
(5) प्रशिक्षण स्थल पर पॉलिथीन व प्लास्टिक से बनी सामग्रियाँ प्रतिबंधित है ।
(6) प्रशिक्षण शिविर में आने की जानकारी अपने परिजनों व स्थानीय समाज प्रमुखों/मुडादार को जरूर देकर आवें।
(7) प्रशिक्षणार्थी लया लयोरो को दिनांक 26दिसंबर को पेन विदा रश्म तक रूकना अनिवार्य है।
(8) चूंकि प्रशिक्षण स्थल पर बस्तर संभाग के प्रमुख पेन शक्तियाँ भी आमंत्रित की गई है अतः प्रशिक्षणार्थियो को पेन नियमों का परिपालन करना अनिवार्य है ।
(9)प्रशिक्षण स्थल पर नशा पान पूर्णतः वर्जित है।
(10) लया-लयोरो को प्रतिदिन होने वाले सभी सत्रो मे उपस्थित रहना अनिवार्य है क्योंकि भोजन/नाश्ते/स्नान /शयन जैसे अवकाश सत्र में भी पारम्परिक आदिवासी कोयतोरियन जीवनशैली को प्रायोगिक ढंग से समझाने की कोशिश की गई है।
(11) लया लयोरो को कार्यक्रम व्यास्थापन संचालन हेतु अलग जिम्मेदारी भी निर्वहन करनी होगी जिससे उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित हो सके।
(12)प्रशिक्षार्थी लया लयोरो का पंजीयन उनके नाम पिता का नाम /टोटम /गोत्र /पता / रूचिकर विषय आदि दर्शाते हुए दिऐ गए सम्पर्क /वाटसअप नम्बरो पर भेजे या कांकेर/केशकाल /विश्रामपुरी /चारामा/फरसगाव/कोण्डागांव/दन्तेवाड़ा कार्यालयो पर सीधे जमा दिनांक 10 दिसंबर 2018 तक अनिवार्य रूप से कराऐ । पंजीयन शुल्क 50 रूपये व 3 किलो चांवल बुमकाल मांदी हेतु निर्धारित है ।
(13) लया-लयोरो को प्रतिदिन होने वाले सभी सत्रो में उपस्थित रहना अनिवार्य है क्योंकि भोजन/नाश्ते/स्नान /शयन जैसे अवकाश सत्र में भी पारम्परिक आदिवासी कोयतोरियन जीवनशैली को प्रायोगिक ढंग से समझाने की कोशिश की गई है।
( 14) प्रशिक्षण स्थल पर मोबाइल फोन सांयलेन्ट मोड पर रखनी होगी।
( 15) प्रशिक्षण स्थल पर अपनो से बड़ो का आदर करते हुए अनुशासन बनाऐ रखना होगा , अन्यथा गोटूल दण्ड का सामना करना पड सकता है।
(16)किसी भी राजनीतिक दल के नारे /सिम्बोल/चिन्ह/ड्रेस प्रयोग करना सक्त प्रतिबंध है ।
(1) साल वनों से आछन्दित क्षेत्र होने के कारण प्रशिक्षण स्थल पर बहुत अधिक ठण्ड रहती है इसलिए अपने साथ ओढने बिछाने व गर्म कपड़े जरूर साथ लेकर आऐ ।
(2) प्रशिक्षु लया लयोरो को अपने पास(प्रवेश कार्ड) के साथ दिनांक 22 दिसंबर को दोपहर 2 बजे तक पहुचना अनिवार्य है ।
(3)लयोरो को सदियों से चली आ रही पारम्परिक सफेद पगड़ी व लयाओ को सफेद स्कार्फ पहनकर आना अनिवार्य है।
(4) यथासंभव सभी अपने पांरम्परिक वेशभूषा,गोटुल श्रृगांर वाद्ययंत्रो के साथ आवें।
(5) प्रशिक्षण स्थल पर पॉलिथीन व प्लास्टिक से बनी सामग्रियाँ प्रतिबंधित है ।
(6) प्रशिक्षण शिविर में आने की जानकारी अपने परिजनों व स्थानीय समाज प्रमुखों/मुडादार को जरूर देकर आवें।
(7) प्रशिक्षणार्थी लया लयोरो को दिनांक 26दिसंबर को पेन विदा रश्म तक रूकना अनिवार्य है।
(8) चूंकि प्रशिक्षण स्थल पर बस्तर संभाग के प्रमुख पेन शक्तियाँ भी आमंत्रित की गई है अतः प्रशिक्षणार्थियो को पेन नियमों का परिपालन करना अनिवार्य है ।
(9)प्रशिक्षण स्थल पर नशा पान पूर्णतः वर्जित है।
(10) लया-लयोरो को प्रतिदिन होने वाले सभी सत्रो मे उपस्थित रहना अनिवार्य है क्योंकि भोजन/नाश्ते/स्नान /शयन जैसे अवकाश सत्र में भी पारम्परिक आदिवासी कोयतोरियन जीवनशैली को प्रायोगिक ढंग से समझाने की कोशिश की गई है।
(11) लया लयोरो को कार्यक्रम व्यास्थापन संचालन हेतु अलग जिम्मेदारी भी निर्वहन करनी होगी जिससे उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित हो सके।
(12)प्रशिक्षार्थी लया लयोरो का पंजीयन उनके नाम पिता का नाम /टोटम /गोत्र /पता / रूचिकर विषय आदि दर्शाते हुए दिऐ गए सम्पर्क /वाटसअप नम्बरो पर भेजे या कांकेर/केशकाल /विश्रामपुरी /चारामा/फरसगाव/कोण्डागांव/दन्तेवाड़ा कार्यालयो पर सीधे जमा दिनांक 10 दिसंबर 2018 तक अनिवार्य रूप से कराऐ । पंजीयन शुल्क 50 रूपये व 3 किलो चांवल बुमकाल मांदी हेतु निर्धारित है ।
(13) लया-लयोरो को प्रतिदिन होने वाले सभी सत्रो में उपस्थित रहना अनिवार्य है क्योंकि भोजन/नाश्ते/स्नान /शयन जैसे अवकाश सत्र में भी पारम्परिक आदिवासी कोयतोरियन जीवनशैली को प्रायोगिक ढंग से समझाने की कोशिश की गई है।
( 14) प्रशिक्षण स्थल पर मोबाइल फोन सांयलेन्ट मोड पर रखनी होगी।
( 15) प्रशिक्षण स्थल पर अपनो से बड़ो का आदर करते हुए अनुशासन बनाऐ रखना होगा , अन्यथा गोटूल दण्ड का सामना करना पड सकता है।
(16)किसी भी राजनीतिक दल के नारे /सिम्बोल/चिन्ह/ड्रेस प्रयोग करना सक्त प्रतिबंध है ।
#सम्पर्क नम्बर : +916264905127,+918770476009,+918839207146,+91747707270,+919406361986,919479084175,+917770809305,+917587876005,+916265037226,+917000669626,+919340386066,
जय सेवा! प्रकृति सेवा ! जय लिंगो! जय गुण्डाधूर!
जय सेवा! प्रकृति सेवा ! जय लिंगो! जय गुण्डाधूर!
सभार- तुलसी नेताम
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