पांचवी अनुसूचित क्षेत्र चारामा में पारम्परिक ग्राम सभा कर निजी सर्वेक्षण कम्पनी का काम बंद कराकर ठोका गया जुर्माना: जानिए पूरा मामला
चारामा:-
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय दिल्ली के प्रस्ताव पर निजी कम्पनी
इकोलाजिस्टिक्स प्रा.लि. द्वारा किए जा रहे भूकंपीय सर्वेक्षण को ग्रामवासियों ने
संवैधानिक रूप से नाकार कर कंपनी के ऊपर रूढिगत ग्राम सभा कर जुर्माना लगाया गया.
मालूम हो कि उत्तर बस्तर कांकेर जिला पांचवी अनुसूची अंतर्ग्रत आता है. जहा कम्पनी
द्वारा ग्राम सभा के बिना अनुमति के सर्वे कार्य किया जा रहा था।
आप को बता दे कि 1 नंवबर को चारामा ब्लाक के बड़े गौरी में भारत का संविधान अनुच्छेद 13(3) क अनुच्छेद 244(1) अनुसूचित क्षेत्रो और आदिवासियों अनुसूचित जनजातियो
के प्रशासन उन्नति नियन्त्रण कल्याण के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए
रूढिगत ग्राम सभा कर प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि निजी कम्पनी इकोलाजिस्टिक्स
प्रा.लि. द्वारा सर्वे के नाम पर वन भूमि पर बोर खनन किया जा रहा है। बोर खनन कर
गड्ढो को खुला छोड़ा गया है. प्रस्ताव में कहा गया कि ग्राम सभा के अनुमति के बगैर
यह अवैध कार्य किया जा रहा है। बड़े गौरी में परम्परिक ग्राम सभा में
इकोलाजिस्टिक्स प्रा.लि. कम्पनी के ऊपर लगभग 50 हजार के सामानों का दंड भी लगाया गया। खबर है कि कम्पनी के कर्चारियो ने ग्राम सभा को लिखित
में दिया है कि इस क्षेत्र में सर्वे का कार्य नही किया जाएगा. लिखित जवाब के
अनुसार उनके करीब 100 आदमी इस क्षेत्र में सर्वे का काम कर रहे है.


ग्राम सभा प्रमुखों
ने मंत्रालय के आदेश में भी शक जाहिर किया पेट्रोलियम मंत्रालय आखिर भूकंपीय
सर्वेक्षण क्यों करा रहा है? इस सम्बन्ध
में कांकेर कलेटर टामन सिंह सोनवानी से फोन लाइन पर बात करनी चाही तो उन्होंने फोन
नही उठाया, वही दूसरी ओर चारामा तहसीलदार इस पुरे
मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे और जवाब दने से इंकार कर दिया. यह कोई पहली दफा
नही है कि प्रशासनिक अधिकारी अनुसूचित क्षेत्र में संविधान में निहित अधिकारों को
लेकर गंभीर हो एकतरह से संवैधानिक मामले में अनभिग्य जाहिर करते आए है. फ़िलहाल
ग्राम सभा के दखल के बाद सर्वे कम्पनी ने अपना कार्य बंद कर दिया है।
Post a Comment