उच्च शिक्षा मंत्री ने जिस नवनिर्मित महाविद्यालय का किया था उद्घाटन, संविधान के अनुसार ग्रामीणों ने बताया असंवैधानिक अनुसूचित क्षेत्र में रुढ़िवादी पारम्परिक ग्राम सभा के अनुसार फिर से किया गया नवनिर्मित महाविद्यालय का उद्घाटन
बिना ग्राम सभा कि अनुमति लिए उद्घाटन करवाने पर 52 परगना, गायता, पटेल,सिरहा द्वारा
ग्राम सभा में प्रशासन और उच्च शिक्षा मंत्री पर संविधान का अनुच्छेद 13 (3) क का पालन नही
करने पर जुर्माना लगाया गया और जिला प्रशासन के अधिकारियों व सरपंच को चेतावनी दी
गई कि भविष्य में अनुसूचित क्षेत्रों की संवैधानिक व्यवस्था का पुर्ण पालन किया
जाय यदि नहीं कि जाएगी तो भारत के संविधान की अनिष्ठा करने के एवज में भारतीय दंड
संहिता के धारा 124
A के तहत
संबंधित के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने हेतु पारम्परिक ग्रामसभा प्रस्ताव
पारित कर जिला कलेक्टर को पालनार्थ आदेश जारी की जाएगी।
बस्तर:-
उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे द्वारा असंवैधानिक तरीके से उद्घाटन किया
गया नवनिर्मित महाविद्यालय को ग्रामवासियों ने किया अमान्य घोषित, अनुसूचित
क्षेत्र में रुढ़िवादी पारम्परिक ग्राम सभा संविधान का अनुच्छेद 13 (3) (क) के तहत
ठोका मंत्री पर संविधान उल्लघंन के एवज में जुर्माना, 52 गांवो के
ग्राम वासियों ने पारम्परिक रुढ़िवादी ग्राम सभा के तहत किया नवनिर्मित महाविद्यालय
भवन का विधि के अनुसार उद्घाटन बस्तर में संवैधानिक लड़ाई का बिगुल बज चुका है, बस्तर के
आदिवासी संविधान में उल्लेखित अपने अधिकारों को जान चुके है और पूरी तरह संवैधानिक
लड़ाई लड़ रहे है , जहां एक ओर राज्य अथवा जिला प्रशासन संविधान
में निहित अनुसूचित क्षेत्रो के अधिकारों से अनभिग्य है.
खबर है कि
पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र उत्तर बस्तर कांकेर जिला अंतर्गत सरोना के साल्हेभाठ में
नवनिर्मित महाविद्यालय भवन का उद्घाटन संविधान का अनुच्छेद 13 (3) (क) के तहत
पारम्परिक नार बुमकाल की निर्णय अनुसार गांव की प्रमुख याया जिम्मेदारिन, ठेमा
मुदिया पेन के अनुमति निर्देशन में 52 परगना गायता, पटेल, सिरहा, के द्वारा
रूढिगत परम्परा के अनुसार किया गया। ग्राम के माटी पुजारी की नेतृत्व में
भवन की सेवा अर्जी कर सुभारम्भ किया गया। जानकारी है की इससे पहले उच्च शिक्षा
मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे द्वारा साल्हेभाठ में नवनिर्मित महाविद्यालय भवन का
प्रशासन ने आनन् फानन एवं गांव बुमकाल अर्थात रूढ़िगत ग्रामसभा के बिना अनुमति व
जानकारी के उद्घाटन करवाया था। जिसका ग्रामीणों ने भारी विरोध करते हुए अनुसूचित
क्षेत्र की विधि के अनुसार असंवैधानिक घोषित किया गया था। यहाँ तक कि विरोध को देख
प्रशासन द्वारा फ़ोर्स को बुलाना पड़ा था, ग्रामीणों का आरोप था प्रशासन भारत के
संविधान के अनुसूचित क्षेत्रों की पारंपरिक ग्रामसभा को प्राप्त विधि
बल को उलंघन एवं अनुछेद 13 (3) (क) के तहत ग्राम सभा से बिना अनुमति
लिए मंत्री के द्वारा महाविद्यालय का उद्घाटन करवा रही है जो पूरी तरह भारत के
संविधान का उल्लंघन है, खबर है कि
प्रशासन द्वारा मंत्री को बुला कर बिना ग्राम सभा कि अनुमति लिए उद्घाटन
करवाने पर 52 परगना, गायता, पटेल,सिरहा
द्वारा ग्राम सभा में प्रशासन और उच्च शिक्षा मंत्री पर संविधान का अनुच्छेद 13 (3) क का पालन
नही करने पर जुर्माना लगाया गया और जिला प्रशासन के अधिकारियों व सरपंच को चेतावनी
दी गई कि भविष्य में अनुसूचित क्षेत्रों की संवैधानिक व्यवस्था का पुर्ण पालन किया
जाय यदि नहीं कि जाएगी तो भारत के संविधान की अनिष्ठा करने के एवज में भारतीय दंड
संहिता के धारा 124 A के तहत
संबंधित के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने हेतु पारम्परिक ग्रामसभा प्रस्ताव
पारित कर जिला कलेक्टर को पालनार्थ आदेश जारी की जाएगी।
जानकारी
हो ग्राम सल्हेभाठ (सरोना) उत्तर बस्तर कांकेर संविधान का अनुच्छेद 244(1) के अनुसार
अनुसूचित क्षेत्र में आता है, ग्राम गणराज्य साल्हेभाट में
शासकीय महाविद्यलय सरोना साल्हेभाठ का संचालन समिति जो प्रशासन ने तय किया है वाह
भारत का संविधान अंतगर्त अनुच्छेद 13 (3) क, 19(5), 19(6), 244 (1) उच्चतम
न्यायलय की समता का निर्णय 1997 के अनुसार
असंवैधानिक है, जिसका
ग्राम वासियों ने 16 जुलाई 2017 को 52 गांवो के
गायता, मांझी, मुखिया, पटेल, कोटवार और
महाविद्यालय समिति के सदस्यों की उपस्थिति में महाविद्यलय जनभागीदारी समिति को भंग
कर राज्य शासन, प्रशासन
को पारम्परिक ग्राम सभा द्वारा कार्यवाही करने हेतु आदेश दिया गया, यहां तक
कि सरपंच के ऊपर भी जुर्माना लगाया गया क्योंकि उन्होंने भी उपरोक्त अनुच्छेदों का
उल्लंघन किया था।
ग्राम
साल्हेभाठ सरोना में शासकिय महाविद्यालय के लिए ग्राम सभा से जमीन नहीं लिया
गया था, लेकिन
उद्घाटन के समय प्रशासन ने उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे को आनन-फानन में
बुला कर फीता कटवा कर उदघाटन करवा दिया, जिस महाविद्यालय के लिए ग्राम सभा से
जमीन विधिवत नहीं ली गई थी एवम उदघाटन के लिए भी उनसे पूछा ही नही गया
बुलाया ही नही गया जानकारी के अनुसार 1 जुलाई को मंत्री के हांथो कालेज का
फीता कटवाया गया, जिसका
ग्रामीणों ने भारी विरोध किया, इस विरोध को देखकर स्थानीय जिला
प्रशासन भी सकते में आ गया, मौजूदा
कलेक्टर अथवा एसपी द्वारा ग्रामीणों को समझाते रहे लेकिन ग्रामीण पुरे
प्रशासन को संविधान पढ़ने कहते रहे एवम संविधान के अनुसार कार्य करने कहा
गया। जिला प्रशासन व सरपंच भी भारत के संविधान के अनुसूचित क्षेत्र को लागू विधि
में अनपढ़ निकला, आखिरकार
प्रशासन को फ़ोर्स बुलाकर उदघाटन करवना पडा जिसे पारम्परिक ग्राम सभा में
असंवेधानिक घोषित कर रुढ़िवादी ग्राम सभा में जुर्माना लगाया गया।
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