हास्टल पैनल आदिवासी युवा छात्र संगठन एवं संयुक्त एसटी, एससी, ओबीसी छात्र मोर्चा ने विवि छात्रसंघ चुनाव में लगाया धांधली का आरोप
छात्र राजनीति बस्तर में आउट शोर्शिंग और बस्तर में आदिवासियों के दमन मुद्दों को लेकर सामने आई मूलनिवासियो का छात्र एकता को देखते उनकी जित की कामयाबी शायद धांधली की भेट चढ़ गई है, चुनाव के दिन भाजपा कांकेर प्रभारी मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे का होना कई सवालों को जन्म डे रही है,
कांकेर बस्तर
विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को लेकर कांकेर के छात्र संघ पदाधिकारी, हॉस्टल पैनल आदिवासी युवा छात्र
संगठन एवं संयुक्त एसटी, एससी, ओबीसी छात्र मोर्चा ने गहरी
नाराजगी जताते हुए छात्र संघ चुनाव की निष्पक्षता पर आरोप लगाया है ।संयुक्त संगठनों ने
चुनाव अधिकारी वीके
रामटेके पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मतपेटी अपने घर ले जाकर रामटेके ने
गंभीर गलती की है इतना ही नहीं वोट डाले जाने के बाद जब मत पेटी को सील किया
गया उस वक्त गवाह के तौर पर किसी भी छात्र नेता को नहीं आने दिया गया इतना ही नहीं जानबूझकर
कांकेर से भेजा जाने वाला मेल शाम ७ः३० तक बस्तर विश्वविद्यालय में नहीं भेजा गया और तथ्यों को
छिपाया गया सबसे बड़ी बात यह है
कि कांकेर में तीन वोट डाले जाने की बात कही जा रही थी, जबकि जगदलपुर से चार वोट पड़ने की सूचना
दी गई यानि एक वोट हो सकता है चुनाव अधिकारी ने खुद डाल दिया हो कुल मिलाकर अखिल भारतीय
विद्यार्थी परिषद को किसी भी
हालत में जितवाने के लिए धांधली की गई छात्र नेताओं ने पूरे मामले की जांच
करने की मांग की गई है ये सभी नेता अपने शिकायत लेकर पूर्व सांसद व वरिष्ठ
आदिवासी नेता सोहन पोटाई के निवास भी गए थे पूरे मामले को सुनने के बाद पूर्व
सांसद पोटाई ने आंदोलन करने व पूरे मामले की जांच करवाने का आश्वासन भी दिया हॉस्टल पैनल की
नवनिर्वाचित अध्यक्ष मनीष कुमेटी, उपाध्यक्ष
किशन यादव, सचिव
गंगाराम हेमला आदि ने बताया कि बस्तर विश्वविद्यालय चुनाव में पक्षपात के विरोध में शीघ्र
ही छात्र आंदोलन कर सकते हैं पूर्व
सांसद
छात्र संघ
चुनाव के दिन प्रभारी मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे ने डाल रखा था डेरा – पोटाई
सोहन पोटाई
से इस मामले में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि निष्पक्ष छात्र संघ चुनाव कराए जाने
के सारे दावे झूठे निकल गए जिस
दिन चुनाव हुआ व कांकेर में गड़बड़ी हुई उसी दिन कांकेर के प्रभारी मंत्री प्रेम प्रकाश
पांडेय दिन भर डेरा डाले रहे वे जानबुझकर चुनाव में दखल देते रहे चूंकि प्रभारी मंत्री का दबाव
था इसलिए यहां का प्रबंधन
अभाविप को विजयी बनाने में लगा रहा पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए
उन्होंने छात्रों को निराश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है इस संबंध में
पूछे जाने पर शासकीय भानुप्रतापदेव
महाविद्यालय के प्रोफेसर वीके रामटेके ने बताया कि बस्तर विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव
नियमानुसार कराए गए हैं, जो आरोप
लगाए जा रहे है, उसमें कोई तथ्य नहीं है चुनाव
हारने के बाद ऐसी प्रतिक्रिया आती ही है दरअसल कुछ छात्र नेता गोपनीयता भंग करते हुए
चुनाव को प्रभावित करना चाह रहे थे, ऐसा ना हो पाने पर वे नाराज हैं
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