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धनी सेठ के दुकान को आबंटन निरस्त कर राजसात किया गया ..


पालिका के नामचिन कर्णधारों को लीज मामले में दोष मुक्त किया




 नगरपालिका की दुकान जो अबेंडकर मार्केट में स्थित है, एक धनी सेठ द्वारा, पालिका की दुकान को किराये पर देने के मामले में, बुधवार को परिषद की बैठक में कई नामचिन पालिका के कर्णधारो को माफ करते हुए दोष मुक्त किया गया, और लीजधारी पर कार्यवाही करते हुए  दुकान का आबंटन निरस्त कर राजसात किया गया, तथा लीज मामले का गैरजिम्मेदार अधिकारी पूर्व पालिका सीएमओं रमेश जायसवाल को ठहराया गया, बाकि पालिका के नामचिन क र्णधारों को मांफ किया गया..। लीज के मामले में पालिका के नामचिन कर्णधार शामिल है लेकिन कंाकेर पालिका के पूर्व सीएमओं पर ही गाज गिरी, कंाकेर पालिका के कर्णधारों ने इस मामले को दफन करने की भरपूर कौशिक की थी और लीज के मामले का रफा-दफा करने की कौशिश जारी थी, प्रहरी मे ंखबर लगातार प्रकाशन के बाद इस मामले का नगर की जनता के बिच नामचिन कर्णधारो के  कारनामे की खबर प्रकाशन की गई थी जिससे पालिका के कर्णधार इस मामले को दफन नही कर पायें। जबकि लीजधारी अनंत गांपाल कोठारी का कहना पूरी तरह जायज है,लीजधारी का कहना था कि दुकान विधिवत और औपचारिकताएं करने तथा पालिका से अन्नापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद बैंक को किराये पर दे दी गई थी, लीजधारी ने कंही पर नियमों का उल्लखंनल नही होना बताया है, उनकी यह बात पूरी तरह से जायज है, क्योकि पालिका के कुछ नामचिन कर्णधारों के द्वारा नियमों की धज्जीयां उडय़ी गई थी, और एक सेठ के लिए नियम बदला था, पहले पालिका नियम के तहत दुकान लिज पर बैंक को देने का दावा करती है, प्रहरी में खबर प्रकाशन के बाद पालिका के कर्णधारों की सिट्टी-पिट्टी गुल हो जाती है, और आनन-फानन मेें नोटिस जारी किया जाता है, वो भी तब की बैंक प्रबंधन पूरी तरह से बैंक खोलने जा रहा हो, पालिका के नामचिन कर्णधारों द्वारा फिर पालिका के परिषद बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाता है कि लीजधारी के दुकान का आबंटन निरस्त किया जाऐगा और राजसात किया गया, और पूरे मामले का दोषी पूर्व सीएमओं रमेश जायसवाल को गैरजिम्मेदार बताते हुए सीएमओं के खिलाफ कार्यवाही के लिए शासन को पत्र लिखने का निर्णय लिया गया, ये तो वंही बात हो गई करें कोई और भरे कोई और...इस मामले में कई गैरजिम्मेदारों को मांफ किया गया है और पूरे मामले क ा दोषी रमेश जायसवाल पूर्व सीएमओं के ऊपर थौप दिया...तथा पालिका के नामचिन कर्णधार पूरी तरह से बूचक गये है।

  ज्ञात हो कि अंबेडकर मार्केट में नगरपालिका परिषद द्वारा 
कुछ वर्षो पूर्व दुकानों को लीज पर दिया गया था, इस दौरान
 व्यवसायी अनंत गोपाल कोठारी पिता लीलाधर  तथा उनके 
भाई राजगोपाल कोठारी ने क्रमश: दुकान क्रमांक २३/२४ को
 लिज पर लिया था। इसका नया अनुबंध २०१२-से-२०१३
 तक तीन वर्षो के लिए किया गया था। इस दौरान अनुबंध
 के शर्तो के खिलाफ इंडसइंड बैंक को अधिक किराये पर 
दे दिया था। जिस पर पालिका के नामचिन कर्णधारों ने 
लिह्यज धारी को अनुमति दी थी। 

नामचिन पालिका के कर्णधार बूचक गये..?। 
  नगरपालिका के नामचिन कर्णधारों द्वारा नियमों को ताक मे ंरखकर किराये पर देने की अनुमति देने वालों को परिषद की बैठक में पूरी तरह से बूचक गये है..पालिका ने सूचना का अधिकार जानकारी में दिया है कि आबंटित दुकान का अनुबंध नियमाअनुसार किया गया है, तो फिर नियमाअनुसार किया गया है तो फिर नोटिस आदि का दिखवा  क्यो? कंाकेर नगरपालिका अध्यक्ष- पवन कौशिक, कंाकेर पालिका राजस्व निरिक्षक- त्रिभुवन सिंह ठाकुर, कंाकेर पालिका के पूर्व सीएमओं- रमेश जायसवाल, इस मामले में पूरी तरह संलिप्त है, जो पूरी तरह से बूचक गये है.।  जिन पर किसी प्रकार की कार्यवाही नही की गई, राजस्व निरिक्षक  को भी इस मामले में पूरी तरह दोषी है, नगर के चहेते पालिका अध्यक्ष पवन कौशिक को भी इस लीज मामले में पूरी जानकारी थी लेकिन उन्होने भ्ी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही को अंजाम नही दिया गया मामला तूल पकडऩे के पश्चात ही सभी की हौश उड़ी और दुकान क ा आबंटन निरस्त कर राजसात किया गया, अभी इस मामले के नामचिन पालिका के कर्णधारों को दोष मुक्त कि या।


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