सोना खान क्षेत्र के जल जंगल जमीन को भाजपा सरकार वेदांता कंपनी को देने की दलाली कर रही: बलौदाबाजार में शहीद वीरनारायण सिंह शहादत दिवस पर किया गया विरोध
बलौदाबाजार:- आज बलौदाबाजार में शहीद वीरनारायण सिंह का शहादत दिवस के अवसर पर हजारों आदिवासी, दलित, किसान मजदूरों ने एकजुट होकर वेदांता को जमीन नही देने को लेकर ज्ञापन सौपा गया
आप को बता दे कि बलौदाबाजार में शहीद वीरनारायण सिंह का शहादत दिवस के अवसर
पर हजारों आदिवासी, दलित, किसान मजदूर एकत्रित हुए सभा में कहा गया कि वन अधिकार, पैसा
कानून का भाजपा सरकार उल्घंन कर रही है, सोना खान इलाके के
जल जंगल जमीन को भाजपा सरकार वेदांता कंपनी को देने की दलाली का आरोप लगया गया
ग्रामीणों ने जोरदार विरोध करते हुए दशहरा मैदान
से कलेक्टर कार्यालय रैली निकाली गई
ज्ञात को कि छत्तीसगढ़ रमन सरकार द्वारा वेदांता को
देश के पहले सोना खदान का लीज दिया गया और साथ ही नया रायपुर में एक अनुसन्धान
संस्थान के लिए बहुत ही कम दाम में जमीन दी गयी. सोने की खान, बलोदा
बाजार जिले में बाघमारा में शुरू होने वाली है जिससे घने जंगलो पर फैला 608 हेक्टेयर
क्षेत्र प्रभावित होगा।
यह क्षेत्र इसलिए भी ऐतिहासिक है क्यूंकि आदिवासी नायक वीर नारायण सिंह ने
अंग्रेजो के खिलाफ आन्दोलन सोनाखान से ही शुरू किया था. समाचार सूत्रों के अनुसार
सोना खदान के लिए वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का घोर उल्लघन किया गया है.
सितम्बर 2009 में
छत्तीसगढ़ के कोरबा में वेदांता से जुडी बालको की एल्युमिनियम स्मेल्टर के
निर्माणाधीन चिमनी ध्वस्त होने पर 40 से 100 मजदूरों
की मौत हो गयी. बाद में बख्शी कमीशन द्वारा कानूनी जांच ने वेदांता को लापरवाही और
उप मानक सामग्री का उपयोग करने का दोषी माना और इस तरह वेदांता को मजदूरों की मौत
का जिम्मेदार ठहराया. वेदांत के वकीलों ने पहले इस रिपोर्ट को दबा दिया लेकिन वह
फिर 2014 में
कार्यकर्ताओं द्वारा लीक किया गया.
इस केस में बक्षी कमीशन की रिपोर्ट को सामने लाने और विधान सभा में इस पर बहस और कानूनी कार्यवाही करने के बजाय छत्तीसगढ़ रमन सरकार द्वारा वेदांता को देश के पहले सोना खदान का लीज दिया गया और साथ ही नया रायपुर में एक अनुसन्धान संस्थान के लिए बहुत ही कम दाम में जमीन दी गयी. सोने की खान, बलोदा बाजार जिले में बाघमारा में शुरू होने वाली है जिससे घने जंगलो पर फैला 608 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित होगा। यह क्षेत्र इसलिए भी ऐतिहासिक है क्यूंकि आदिवासी नायक वीर नारायण सिंह ने अंग्रेजो के खिलाफ आन्दोलन सोनाखान से ही शुरू किया था. समाचार सूत्रों के अनुसार सोना खदान के लिए वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का घोर उल्लघन किया गया है.widit वेदांता रिसोर्सेज लन्दन में स्थित NRI अनिल अग्रवाल की अध्यक्षता वाली कंपनी है। हालांकि पर्यावरण और मानव अधिकारों के अपराधों की लंबी सूची की वजह से इसके खिलाफ दुनिया भर में विरोध किया जा रहा है।
इस केस में बक्षी कमीशन की रिपोर्ट को सामने लाने और विधान सभा में इस पर बहस और कानूनी कार्यवाही करने के बजाय छत्तीसगढ़ रमन सरकार द्वारा वेदांता को देश के पहले सोना खदान का लीज दिया गया और साथ ही नया रायपुर में एक अनुसन्धान संस्थान के लिए बहुत ही कम दाम में जमीन दी गयी. सोने की खान, बलोदा बाजार जिले में बाघमारा में शुरू होने वाली है जिससे घने जंगलो पर फैला 608 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित होगा। यह क्षेत्र इसलिए भी ऐतिहासिक है क्यूंकि आदिवासी नायक वीर नारायण सिंह ने अंग्रेजो के खिलाफ आन्दोलन सोनाखान से ही शुरू किया था. समाचार सूत्रों के अनुसार सोना खदान के लिए वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का घोर उल्लघन किया गया है.widit वेदांता रिसोर्सेज लन्दन में स्थित NRI अनिल अग्रवाल की अध्यक्षता वाली कंपनी है। हालांकि पर्यावरण और मानव अधिकारों के अपराधों की लंबी सूची की वजह से इसके खिलाफ दुनिया भर में विरोध किया जा रहा है।
Post a Comment