नक्सली रकम समझ पुलिस ने कर ली जब्त, ग्रामीण बैंक ही नहीं जा रहे
ग्रामीण भयभीत| बैंक में रकम जमा करने
जाते हैं तो पुलिस पूछताछ करती है
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भास्कर न्यूज | बड़गांव
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यह भी पढ़े बैंक पहुँच रहे आदिवासी ग्रामीणों को पुलिस प्रताड़ित करते नक्सलियों का पैसा बता रही
500-1000 के नोटबंदी के बाद अंचल में सबसे ज्यादा परेशानी अंदरूनी इलाके में रहने वाले ग्रामीणों को हो रही है। प्रशासन ने नक्सलियों के रकम को बैंकों तक जाने से रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है। हर चौक-चौराहों पर बीएसएफ व जिला पुलिस गाड़ियों के साथ रखे सामान की भी जांच कर रही है। वहीं इससे ग्रामीणों में रकम जमा करने को लेकर संशय उत्पन्न हो गया है।
आदिवासियों ने कहा कि सालों से वनोपज से तेंदूपत्ता, महुआ, टोरा बेचकर 50 हजार से ज्यादा रकम जमा कर रखे हैं। पैसा लेकर बैंक में जमा करने जाते
हैं तो पुलिस नक्सलियों का पैसा बोलकर पूछताछ करती है। आदिवासी अपनी बात सही ढंग
से नहीं रख पाने के कारण शंका के दायरे में ना आ जाए यह सोच कर बैंक नहीं जा रहे
हैं। पुलिस इस बारे में बहुत बारीकी से जांच कर वास्तविक हालात को देख रही है
लेकिन आदिवासी किसी पचड़े में पड़ना नहीं चाहते। नाम नहीं छापने की शर्त पर लोगों
ने बताया नोट बंदी से निश्चित रूप से नक्सलियों की कमर टूटी है। वहीं हमारे पास
अपनी मेहनत का कमाया हुआ पैसा है। अगर हम इसे बैंक में जमा कराने जाते हैं तो
पुलिस इस पैसे को नक्सलियों का समझकर दुनिया भर की पूछताछ करेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश के पास खाता नहीं
आदिवासी बैंकों के चक्कर काटने से बचने के लिए पारंपरिक तरीके से ही बचत
करने पर विश्वास करते हैं। अधिकांश लोगों के बैंक खाते नहीं है। वे अपने घरों
में ही पैसा जमा कर रखे हुए हैं। ऐसे लोगों के सामने नोटबंदी ने समस्या खड़ी कर
दी है।
परलकोट के जनधन खातों में जमा हुआ 1 करोड़
परलकोट क्षेत्र के पखांजुर, कापसी, बांदे के बैंकों में जनधन खाते खुलवाए गए हैं। नोटबंदी के बाद इन खातों
में 1 करोड़ से अधिक की राशि जमा हुई है। अब यह सवाल भी उठने लगा है कि इस राशि
में कैसे फर्क किया जाएगा कि पैसा नक्सलियों का है या ग्रामीणों की मेहनत का।
घबराने की जरूरत नहीं, जांच में स्थिति स्पष्ट करें
ग्रामीणों को डरने और घबराने की जरूरत नहीं है। वे अपनी मेहनत की कमाई
बैंक में जमा करने स्वतंत्र हैं। यदि बड़ी रकम लेकर बैंक जा रहे हैं तो पुलिस
जांच में स्थिति स्पष्ट करें। पुलिस सहयोग करेगी। शम्मी आबिदी, कलेक्टर कांकेर
नक्सलियों का कालाधन पकड़ने पुलिस व बीएसएफ कर रही जांच।
यह खबर दैनिक भास्कर कांकेर के आंचलिक बडगांव से साभार है
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