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बस्तर में मुठभेड़-समर्पण फर्जी, सुरक्षा बल कर रहे आदिवासी महिलाओं से दुष्कर्म...

सर्व आदिवासी समाज अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि
अादिवासियों को नक्सलियों के नाम पर फर्जी मुठभेड़ों में मारा जा रहा है। इसके अलावा फर्जी समर्पण व पुलिस फोर्स पर महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने के कई मामले भी लंबित है लेकिन एक भी मामले में दोषी पुलिस कर्मियों व फोर्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाई है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों को नक्सली समर्थक मानकर दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है। इस पर आदिवासी समाज ने नाराजगी जताते हुए बयान जारी किया। समाज के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने आरोप लगया है कि बस्तर में महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। एेसे में अब आदिवासियों को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट सहित अन्य अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थाओं की मदद लेना ही आखिरी रास्ता दिख रहा है।
गोमपाड़ में मड़कम हिड़मे के मामले में सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों का दल जांच करने 29 व 30 जून को घटनास्थल पहुंचा था। यहां जांच दल ने मृतिका के माता-पिता, रिश्तेदार व ग्रामीणों का बयान लिया। परिवार वालों ने बताया कि हिड़मे के मरने के बाद पुलिस फोर्स ने शव को ड्रेस पहनाकर फोटो खिंचा और मुठभेड़ का रूप दिखाया। इसके अलावा बीजापुर जिले के सारकेगुड़ा में भी अादिवासी बीजपंडूम मनाने के लिए इकट्ठा हुए लोगों के ऊपर अंधाधुंध गोली चलाकर 3 नाबालिग बच्चों सहित 9 लोगों को मार दिया गया था। नारायणपुर जिले में भी एड़समेटा में दो भाइयों को फर्जी नक्सली मुठभेड़ में मारा गया।
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(क्या बस्तर नक्सलवाद से मुक्त हो गया है और अब सरकार सिर्फ आदिवासियों को मार रही है, या फिर सलवा जुडूम जैसा नया नक्सलवाद ने जन्म ले लिया है जो सरकार की है जो बेगुनाहो को मारती है, दुष्कर्म को अंजाम देती है?)

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