सरगुजा में खनन कंपनियों के दबाव में प्रशासन करा रहा हैं कानूनों का उल्लंघन
छत्तीसगढ़ बचाव आंदोलन के बैनर तले रमन सरकार और अडानी(मोदी)के नापाक गठजोड़ से आदिवासियों के सामुदायिक अधिकार हनन के खिलाफ 1मार्च 2016का धरना सरगुजा (अंबिकापुर) में
घाटबर्रा का सामुदायिक अधिकार एवं 800 व्यक्तिगत अधिकार पत्रको को निरस्त करने के जिला समिति का गैर कानूनी निर्णय वापिस लो l
ग्राम घाट्बर्रा के सामुदायिक अधिकार को निरस्त किये जाने के विरोध में छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन व हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा संयुक्त रूप से आज दिनांक 1 मार्च 2016 को कलेक्ट्रेट परिसर के सामने अंबिकापुर में एक दिवसीय धरना का आयोजन कर कलेक्टर को ज्ञापन सोंपा गया l धरने में सरगुजा जिले के ग्राम घाट्बर्रा, सल्ही, हरिहरपुर, फतेहपुर, परोगिया आदि गाँव सहित कोरबा, कोरिया, बलरामपुर तथा सूरजपुर जिले के ग्रामीण शामिल हुए l धरने शामिल हुए ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा की लबे संघर्ष के बाद बनेऐतिहासिक ‘’वन अधिकार मान्यता कानून 2006’’ के तहत आदिवासियों और अन्य परम्परागत वन निवासियों के वन अधिकारों को मान्यता नही दी जा रही हैं l रमन सरकार सिर्फ कार्पोरेट जगत मुनाफे के लिए ही कार्य कर रही हैं l सरगुजा में अदानी सहित अन्य खनन कंपनियों के इशारे पर प्रशासन कार्य कर रहा हैं l संवेधानिक ग्रामसभाओ के विरोध के बावजूद भी जंगल जमींन से लोगो को बेदखल किया जा रहा हैं l
धरने को संबोधित करते हुए वरिष्ठ समाजवादी नेता आनंद मिश्रा ने कहा की –आज सारी दुनिया में यह साबित हो चूका हैं की वर्तमान विकास का यह माडल विनाश ही लायेगा l हमारी केंद्र व राज्य सरकार आज इसी माडल को लागु कर रही हैं l छत्तीसगढ़ के इलाके में इसे लागु करने से छतीसगढ़ ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत के आर्थिक और सामाजिक प्रभाव के साथ पर्यावरण के लिए भी घातक ही होगा l हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक जयनंदन पोर्ट ने आरोप लगते हुए कहा की जिला प्रशासन ने अदानी कंपनी के दबाव में आकर यह जन विरोधी कदम उठाया हे जिसके खिलाफ हम जमीनी और कानूनी लड़ाई दोनों लड़ेंगे l वरिष्ठ अधिवक्ता एवं आम आदमी पार्टी के नेता अमरनाथ पांडे ने कहा की वर्तमान सरकार आदिवासी विरोधी सरकार हैं जो खनिज सम्पदा को छीनकर उधोपतियो को दे रही हैं l सरगुजा में अदानी कंपनियों के गैरकानूनी कार्यो का विरोध करने वालो पर ही कार्यवाही की जा रही हैं l अदानी कंपनी के दवाब में प्रशासन और पुलिस कार्य कर रही हे l
भारत जन आन्दोलन के विजय भाई ने कहा की राज्य सरकार दुवारा किये जा रहे गैर संवैधानिक व गैर कानूनी कार्य तत्काल बंद किये जाये l ग्रामसभा का सम्मान करते हुए लोगो की सहमती से विकास कार्य की योजना बनाई जाये l छत्तीसगढ़ किसान सभा के नंदकुमार कश्यप ने कहा की – छत्तीसगढ़ सरकार केन्द्रीय कानूनों का सम्मान करे और प्रदेश की जनता को यह सन्देश दे की वह जनता के साथ हैं न की कार्पोरेट के साथ l पीयुसीएल के अध्यक्ष लाखन सिंह ने मांग की- घाट्बर्रा के सामुदायिक अधिकार को जिन अधिकारियो ने निरस्त किया उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाये l जन अधिकार संगठन कोरिया के लक्ष्मन बेग ने कहा की 75 सालो की आड़ में गैर आदिवासियों को जमीन पर अधिकार दिया ही नहीं जा रहा हैं l सीताराम रजवाड़े ने कहा की नेता कहते हैं की आदिवासियों का उत्थान करेंगे लेकिन लेकिन जब वन अधिकार कानून आया तो मात्र कुछ डिसमिल जमीन पर ही अधिकार पत्र दे रहे हैं l इस पर कोई नेता बोलने के लिए तैयार नहीं हैं l जनसाय पाया ने कहा की ग्रामसभा की सहमती के बिना कुछ भी होगा तो उसका व्यापक विरोध किया जायेगा l
घाटबर्रा का सामुदायिक अधिकार एवं 800 व्यक्तिगत अधिकार पत्रको को निरस्त करने के जिला समिति का गैर कानूनी निर्णय वापिस लो l
ग्राम घाट्बर्रा के सामुदायिक अधिकार को निरस्त किये जाने के विरोध में छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन व हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा संयुक्त रूप से आज दिनांक 1 मार्च 2016 को कलेक्ट्रेट परिसर के सामने अंबिकापुर में एक दिवसीय धरना का आयोजन कर कलेक्टर को ज्ञापन सोंपा गया l धरने में सरगुजा जिले के ग्राम घाट्बर्रा, सल्ही, हरिहरपुर, फतेहपुर, परोगिया आदि गाँव सहित कोरबा, कोरिया, बलरामपुर तथा सूरजपुर जिले के ग्रामीण शामिल हुए l धरने शामिल हुए ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा की लबे संघर्ष के बाद बनेऐतिहासिक ‘’वन अधिकार मान्यता कानून 2006’’ के तहत आदिवासियों और अन्य परम्परागत वन निवासियों के वन अधिकारों को मान्यता नही दी जा रही हैं l रमन सरकार सिर्फ कार्पोरेट जगत मुनाफे के लिए ही कार्य कर रही हैं l सरगुजा में अदानी सहित अन्य खनन कंपनियों के इशारे पर प्रशासन कार्य कर रहा हैं l संवेधानिक ग्रामसभाओ के विरोध के बावजूद भी जंगल जमींन से लोगो को बेदखल किया जा रहा हैं l
धरने को संबोधित करते हुए वरिष्ठ समाजवादी नेता आनंद मिश्रा ने कहा की –आज सारी दुनिया में यह साबित हो चूका हैं की वर्तमान विकास का यह माडल विनाश ही लायेगा l हमारी केंद्र व राज्य सरकार आज इसी माडल को लागु कर रही हैं l छत्तीसगढ़ के इलाके में इसे लागु करने से छतीसगढ़ ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत के आर्थिक और सामाजिक प्रभाव के साथ पर्यावरण के लिए भी घातक ही होगा l हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक जयनंदन पोर्ट ने आरोप लगते हुए कहा की जिला प्रशासन ने अदानी कंपनी के दबाव में आकर यह जन विरोधी कदम उठाया हे जिसके खिलाफ हम जमीनी और कानूनी लड़ाई दोनों लड़ेंगे l वरिष्ठ अधिवक्ता एवं आम आदमी पार्टी के नेता अमरनाथ पांडे ने कहा की वर्तमान सरकार आदिवासी विरोधी सरकार हैं जो खनिज सम्पदा को छीनकर उधोपतियो को दे रही हैं l सरगुजा में अदानी कंपनियों के गैरकानूनी कार्यो का विरोध करने वालो पर ही कार्यवाही की जा रही हैं l अदानी कंपनी के दवाब में प्रशासन और पुलिस कार्य कर रही हे l
भारत जन आन्दोलन के विजय भाई ने कहा की राज्य सरकार दुवारा किये जा रहे गैर संवैधानिक व गैर कानूनी कार्य तत्काल बंद किये जाये l ग्रामसभा का सम्मान करते हुए लोगो की सहमती से विकास कार्य की योजना बनाई जाये l छत्तीसगढ़ किसान सभा के नंदकुमार कश्यप ने कहा की – छत्तीसगढ़ सरकार केन्द्रीय कानूनों का सम्मान करे और प्रदेश की जनता को यह सन्देश दे की वह जनता के साथ हैं न की कार्पोरेट के साथ l पीयुसीएल के अध्यक्ष लाखन सिंह ने मांग की- घाट्बर्रा के सामुदायिक अधिकार को जिन अधिकारियो ने निरस्त किया उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाये l जन अधिकार संगठन कोरिया के लक्ष्मन बेग ने कहा की 75 सालो की आड़ में गैर आदिवासियों को जमीन पर अधिकार दिया ही नहीं जा रहा हैं l सीताराम रजवाड़े ने कहा की नेता कहते हैं की आदिवासियों का उत्थान करेंगे लेकिन लेकिन जब वन अधिकार कानून आया तो मात्र कुछ डिसमिल जमीन पर ही अधिकार पत्र दे रहे हैं l इस पर कोई नेता बोलने के लिए तैयार नहीं हैं l जनसाय पाया ने कहा की ग्रामसभा की सहमती के बिना कुछ भी होगा तो उसका व्यापक विरोध किया जायेगा l
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