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दंतेवाड़ा लाइवलीहुड केंद्र में ट्रेनिंग के नाम पर बेरोजगार आदिवासियों की मानव तस्करी..10 आदिवासी लापता !

छत्तीसगढ़ सरकार ने बेरोजगार आदिवासी युवक-युवतियों को रोजगार योज्ञ बनाने और कौशल विकास के लिए प्रदेश के कई जिलों में लाइवलीहुड कॉलेज शुरू किए हैं. इन केंद्रों का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार कर चुके हैं. लेकिन अब मानव तस्करी का गढ़ बनते जा रहे है,  कालेज में प्रशिक्षण के बाद ट्रेनिग के नाम पर बेरोजगार आदिवासी युवक -युवतिया मानव तस्करी का शिकार हो रही है | 
                                   मामला आदिवासी बाहुल्य दंतेवाड़ा जिले का है, 8 फरवरी को नवभारत समाचार में प्रकाशित खबर के अनुसार दंतेवाड़ा जिले में स्थापित लाइवलीहुड केंद्र में प्रशिक्षण के बाद ट्रेनिग के नाम पर मानव तस्करी के मामले सामने आये है | जहा 10 आदिवासी गायब हो गये है | केंद्र से 15 छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था, लेकिन अब इनमें से नौ आदिवासी छात्राओं समेत 10 लापता हैं. वापस आए पांच छात्र-छात्राओं ने जो आपबीती सुनाई, उससे अधिकारियों के होश उड़ गए हैं. सूत्रों ने बताया कि एक गैरसरकारी संगठन ने 26 दिसंबर, 2015 को केंद्र के 15 आदिवासी युवक-युवतियों को बेंगलुरू की एक कंपनी में काम करने के लिए बेंगलुरू भेजा था, लेकिन कंपनी इन्हें प्रशिक्षण दिलाने के नाम पर चेन्नई ले गई|
नवभारत समाचार में प्रकाशित खबर 
वापस लौटी छात्राओं के मुताबिक वहां उन्हें व्हाइट हाउस नामक कपड़े सिलाई करने वाली एक कंपनी में काम कराया गया. वहां सभी को सुबह से शाम तक काम कराया जाता था. उन्हें बेहद निम्न स्तर का और अपर्याप्त नाश्ता-खाना दिया जा रहा था. छात्राओं ने बताया कि सुपरवाइजर के वहां से हटते ही वे वहां से छिप कर हॉस्टल पहुंची और लाइवलीहुड कॉलेज से संपर्क किया. इसी संपर्क के बाद ही वे दंतेवाड़ा पहुंच सकीं. हालांकि अब तक कुल पांच छात्र-छात्राएं ही दंतेवाड़ा पहुंचे हैं. गायब छात्र-छात्राओं के बारे में गैरसरकारी संगठन पर मानव तस्करी के आरोप लग रहे हैं. इनके बारे में प्रशासन और संगठन दोनों ही कोई जानकारी नहीं दे रहे.
वही पुरे मामले में कलेक्टर ने गायब आदिवासी छात्र-छात्राओं के मामले में  जांच के आदेश दे दिए हैं.

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