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साहब मेरे पति को गोलियों से भुन डाला न्याय दो?

क्या सुन्दर बोगा की जान इतनी सस्ती थी?


सरपंच सचिव अन्य ग्रामवासी


कांकेर- साहब मेरे पति को गोलियों से भुन डाला न्याय दो? आदिवासीयों की जान इतनी सस्ती क्यों हो गई है?कुछ ऐसा ही दस्ता सोमवार का कलेक्टेर परिसर में दिखा। दुर्गूकोंदल विकास खंण्ड के ग्राम रसौली रजोतिंन बाई के आंसु रूके रूक नही रहे थे, रो-रो के हाल बेहाल था, न्याय की आस लेकर जिला मुख्यालय पहुंची रजोतिन बाई ने मिडिया से रूबरू होते हुए कलेक्टर, पुलिस अधिकक्षक को अपने पति की मौत के गुनहगारों को सजा दिलाने तथा उचित कार्यवाही करने आवेदन दिया । 

रजोतिन बाई सुन्दर बोगा की पत्नी
 इसके ही पति को गोलियों से छलनी किया गया 
         
रजोतिन बाई ने बताया कि दिनांक 1, मई 2014 को रजोतिन बाई एवं उसके पति स्वःसुन्दर बोगा अपने खेत में मवेषी को चराने तथा नहला कर जब षाम को अपने घर की ओर प्रस्थान कर रहे थे तभी अंधाधुन गोलियों की बौछार पुलिस के जवानों ने कर दी गालियों की बौछार से उसके पति सुन्दर बोगा को कई गोलियां आ कर लगी और सुन्दर बोगा ने मौके पर ही दम तोड दिया, डरी-सहमी सुन्दर बोगा की पत्नी अपनी जान किसी तरह से बचते बचाते छुप गई, लेकिन जवानों ने उन्हे देख पासआकर रजोतिन के कनपट्टी में भी बदूंक टिका दी, जवानों ने कंहा तुम्हारा पती नक्सली है, तुम भी नक्सली हो? जवानों ने सुन्दर बोगा के षव को उसकी पत्नी को ले जाने को कंहा। घटना स्थल पर ढेर सारे गालियां बिखरी हुई थी, अपने पीछे तीन बच्चे और पत्नी को छोड सुन्दर बोगा चले गये। पूरे घटना की सूचना ग्राम पंचायत और सचिव को दी गई ग्राम वासिायों ने मिल कर इसकी सूचना पुलिस चौकी कच्चे को दिया गया। कच्चे पुलिस द्वारा सुन्दर बोगा का भानुप्रतापपुर में षव का पोस्टमार्टम करा कर रजोतिन बाई को सौंप दिया गया। अभी तक दंण्डअधिकारी जांच षुरू नही हुई है, कलेक्टर की नामौजूदगी में जिला पंचायत सीईओं जो भी कलेक्टर के प्रभार पर है रजोतिन बाई ने उन्हे आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई तथा उचित मुअवजा दिलाने को कंहा। 
              

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