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प्रशासन की गलत नीति का दुष्परिणाम भोगती जनता... शहर के अन्दर बायपास ?



कांकेर । प्रशासन, लोनिर्माण विभाग तथा नगरपालिका की गलत नीति के कारण नगर की जनता को दुष्परिणाम भुगतने पड़ रहे हंै । प्रशासन तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा घोषित तथाकथित मिनी - बायपास रोड में जनपद कार्यालय के पास एक १० चक्का ट्रक विगत दिनों दुर्घटनाग्रस्त होकर नाली में घुस गया, जिस समय यह घटना घटी उस मार्ग पर यातायात का दबाव थोड़ा कम होने की वजह से एक बड़ी अनहोनी होते बच गई जिससे प्रशासन की भी थोड़ी लाज बच गई । विदित हो कि कोमलदेव क्लब से मुक्तिधाम गौरव पथ मार्ग को प्रशासन ने बिना किसी पूर्व तैयारी किए मिनी - बायपास घोषित कर रखा है । गौरव पथ मार्ग को नगरपालिका द्वारा केवल हल्के वाहनों के आवागमन हेतु बनाया गया था किन्तु यहां पर ओवरलोडेड ट्रक, यात्री बसें सुबह ६ बजे से रात ११ बजे तक निर्बाध गति से दौड़ती रहती हंै । लगता है प्रशासन बायपास का अर्थ ही नहीं जानती या जानना नहीं चाहती, बायपास उस मार्ग को कहते हैं जो नगर के भीतर से नहीं बल्कि बाहर ही बाहर बनाए जाते हैं किन्तु यहां ठीक उलट प्रशासन द्वारा घोषित मिनी - बायपास ऐसे मार्ग से उपयोग किया जा रहा है जो शहर के बीचो बीच से गुजरता है, जिस मार्ग पर रहने वाले नागरिक, हज़ारों वाहनों से निकलते धुएं, उड़ती धूल तथा हार्नों की ध्वनि के हर तरह के प्रदूषण झेलने पर मजबूर हैं । जान पर संकट तो बना ही रहता है । विगत समय में इस तथाकथित मिनि बायपास रोड में ट्रक वालों ने अनेक बिजली खम्भे तोड़ दिए जिनके कारण कांकेर वासियों को लम्बे समय तक बिना बिजली परेशान होना पड़ा । इस मिनि बायपास की एक और मौलिक विशेषता यह भी है कि यह रोड महानदी की तरह उत्तर - दक्षिण - पूर्व - पश्चिम हर दिशा में मुड़ती है, जिनके कारण अच्छे - पुराने ड्राइवर भी चक्कर खा जाते हैं । यह मिनिबाइपास रोड कोमलदेव क्लब से सेन महाराज चौक तक दक्षिण की ओर जाने के बाद यहां से एकदम विपरीत उत्तर दिशा में पण्डरीपानी पुल तक जाती है, वहां से यह पूर्व दिशा में बरदेभाटा जाकर पुन: दक्षिण की ओर मुड़ जाती है तथा ज्ञानी चौक आते ही इसकी दिशा पश्चिम की ओर हो जाती है । इस तरह चारों दिशाओं का भ्रमण करने के पश्चात् ही नए बस स्टैण्ड के दर्शन हो सकते हैं । इस भूलभूलैया वाले मार्ग में पुराने ड्राइवरों का भी नशा उतर जाता है और नए तो बेचारे रास्ता भूलकर कहीं का कहीं पहुंच जाते हैं और ट्रैफिक पुलिस के आक्रोश का शिकार बनते हैं । नगर के बुद्धिजीवियों द्वारा इस माथापच्ची से बचने हेतु पण्डरीपानी से अर्जुनी मार्ग को बायपास बनाने के सुझाव अनेक बार दिए गए हैं, किन्तु प्रशासन है कि मानता नहीं है ।
इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता के श्री एम.एल. उइके ने बताया कि इस मार्ग को मिनी बायपास के रूप में उपयोग करने शासन को विभाग द्वारा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है और न ही शासन का इस संबंध में कोई आदेश विभाग के पास है । नगरपालिका परिषद् कांकेर के सब इंजीनियर दीपक धु्रव ने कहा कि इस मार्ग पर पालिका द्वारा केवल गौरव पथ का निर्माण किया गया है तथा यह मार्ग मूल रूप में लोकनिर्माण विभाग का है, पालिका के रिकॉर्ड में मिनी बायपास संबंधित कोई उल्लेख, प्रस्ताव या आदेश नहीं है । उपर्युक्त अफसरों ने यह नहीं बताया कि इस मार्ग से जो परेशानियां हो रही हैं उनसे जनता को बचाने हेतु प्रशासन क्या कर रहा है ? आशा है कि दो दिनों बाद कांकेर का दौरा करने वाले मंत्री जी शायद इस संबंध में कुछ बता सकें ।

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इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता के श्री एम.एल. उइके ने बताया कि इस मार्ग को मिनी बायपास के रूप में उपयोग करने शासन को विभाग द्वारा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है और न ही शासन का इस संबंध में कोई आदेश विभाग के पास है । नगरपालिका परिषद् कांकेर के सब इंजीनियर दीपक धु्रव ने कहा कि इस मार्ग पर पालिका द्वारा केवल गौरव पथ का निर्माण किया गया है तथा यह मार्ग मूल रूप में लोकनिर्माण विभाग का है, पालिका के रिकॉर्ड में मिनी बायपास संबंधित कोई उल्लेख, प्रस्ताव या आदेश नहीं है । उपर्युक्त अफसरों ने यह नहीं बताया कि इस मार्ग से जो परेशानियां हो रही हैं उनसे जनता को बचाने हेतु प्रशासन क्या कर रहा है ? आशा है कि दो दिनों बाद कांकेर का दौरा करने वाले मंत्री जी शायद इस संबंध में कुछ बता सकें ।
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